CBSE का नया नियम: प्राइवेट स्टूडेंट्स अब नहीं चुन सकेंगे एडिशनल सब्जेक्ट, करियर पर मंडराया खतरा

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने प्राइवेट स्टूडेंट्स के लिए एक बड़ा बदलाव किया है, जिससे हजारों छात्रों की चिंता बढ़ गई है। 2026 बोर्ड परीक्षा से अब 10वीं और 12वीं के प्राइवेट स्टूडेंट्स को एडिशनल सब्जेक्ट चुनने का विकल्प नहीं मिलेगा। यह फैसला ऐसे समय में आया है जब कई छात्र अपने करियर लक्ष्यों को ध्यान में रखते हुए अतिरिक्त विषयों की तैयारी कर रहे थे।

क्या है नया नियम

अब तक प्राइवेट कैंडिडेट्स 10वीं या 12वीं पास करने के बाद एक या दो एडिशनल सब्जेक्ट लेकर परीक्षा दे सकते थे। यह विकल्प उन छात्रों के लिए खास था जो आगे इंजीनियरिंग (JEE) या मेडिकल (NEET) जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल होना चाहते थे। उदाहरण के तौर पर, अगर किसी छात्र ने 12वीं साइंस स्ट्रीम से पास की हो और बाद में इंजीनियरिंग करना चाहे, तो वह मैथ्स को एडिशनल सब्जेक्ट के तौर पर ले सकता था।

लेकिन हाल ही में सीबीएसई द्वारा 2026 प्राइवेट परीक्षा के लिए जारी नोटिस में यह विकल्प हटा दिया गया। बोर्ड ने कहा कि प्राइवेट स्टूडेंट्स के लिए एडिशनल सब्जेक्ट का इंटरनल असेसमेंट करना संभव नहीं है, इसलिए यह कदम उठाया गया है।

सीमित हो जाएंगे विकल्प

नए नियम के तहत प्राइवेट स्टूडेंट्स केवल उन्हीं विषयों में परीक्षा दे सकेंगे जो उन्होंने अपनी पिछली 12वीं क्लास में पढ़े थे। इससे कई छात्रों का मानना है कि उनके करियर ऑप्शन सीमित हो जाएंगे। मैथ्स, हिस्ट्री, भूगोल, अकाउंट्स और बिजनेस स्टडी जैसे विषय लेने की योजना बनाने वाले छात्रों के लिए यह बड़ा झटका है।

कीर्ति नगर की प्रतिमा ने बताया कि उन्होंने 2014 में फिजिक्स, केमिस्ट्री और बायोलॉजी से 12वीं पास की थी और अब जेईई की तैयारी कर रही थीं। इसके लिए वह मैथ्स को एडिशनल सब्जेक्ट के रूप में लेना चाहती थीं, लेकिन अब यह संभव नहीं है। मयूर विहार की सुरभि ने कहा कि कई एंट्रेंस एग्जाम में मैथ्स जरूरी होता है, और यह विकल्प हटने से कई छात्र पात्रता मानदंड पूरे नहीं कर पाएंगे।

सीबीएसई का स्पष्टीकरण

बढ़ते विरोध के बाद सीबीएसई ने एक पब्लिक नोटिस जारी किया। बोर्ड ने साफ किया कि रेगुलर स्टूडेंट्स 10वीं में दो और 12वीं में एक एडिशनल सब्जेक्ट चुन सकते हैं, लेकिन उन्हें इन विषयों की दो साल तक पढ़ाई करनी होगी। वहीं जिन स्कूलों को किसी सब्जेक्ट के लिए सीबीएसई की मंजूरी नहीं मिली है या जहां टीचर, लैब जैसी सुविधाएं नहीं हैं, वहां वह विषय नहीं लिया जा सकेगा।

आवेदन की अंतिम तारीख

प्राइवेट स्टूडेंट्स 2026 की परीक्षा के लिए 30 सितंबर 2025 तक आवेदन कर सकते हैं। हालांकि छात्र अब इस नियम को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि अंतिम समय में लिया गया यह फैसला उनकी तैयारी और करियर दोनों पर नकारात्मक असर डाल सकता है।

निष्कर्ष

सीबीएसई का यह कदम मूल्यांकन प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए है, लेकिन छात्रों का मानना है कि इससे उनके आगे की पढ़ाई और करियर विकल्प सीमित हो जाएंगे। अब देखना होगा कि छात्रों की मांगों को देखते हुए बोर्ड अपने इस फैसले पर पुनर्विचार करता है या नहीं।